धार्मिक पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान राम का जन्म माता कौशल्या के गर्भ से हुआ था।
चैत्र शुद्ध नवमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में नवरात्र का नौवां दिन है। मान्यता है कि इसी तिथि को भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्री राम का जन्म हुआ था।
दिन में जब सूर्य सर के ऊपर आता है तब राम का जन्म मनाया जाता है। श्री राम की प्रतिमा या मूर्ति को मालाये पहिनाई जाती है। श्री राम की पूजा करते समय छोटी उंगली के पास वाली उंगली से गंध लगया जाता है।
केवड़ा, चंपा, चमेली जैसे फूलो को जय श्री राम जी को अर्पण करते है। उसके बाद आरती की जाती है और प्रसाद परोसा जाता है। राम जन्म के दिन मनाए जाने वाले त्योहार में राम जन्म के पालना को जरूर कहा जाता है।
रामनवमी 2022 के शुभ क्षण: राम नवमी तिथि - 10 अप्रैल 2022, रविवार 9 तारीख से शुरू - 10 अप्रैल की देर रात 10:32 बजे पूजा का क्षण - 10 अप्रैल, सुबह 11:10 बजे से दोपहर 1:32 बजे तक।
रामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए। उसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की पूजा करनी चाहिए।
पूजा से पहले उन्हें हल्दी, सिंदूर, रोली, चंदन आदि से तिलक करना चाहिए और बांध पर चावल और तुलसी का भोग लगाना चाहिए। रामनवमी के दिन श्रीराम को तुलसी का भोग लगाने से वह प्रसन्न होते हैं।
पूजा में देवताओं को पुष्प अर्पित करना चाहिए। फिर तुप का दीपक और अगरबत्ती जलाकर श्री रामचरित मानस, रामरक्षा स्तोत्र या रामायण का पाठ करें।
श्रीराम, लक्ष्मणजी और माता सीता की आरती करें और आप श्री राम की सच्चे दिल और आस्था से भक्तों में प्रसाद बांटें।