रिपोर्ट के अनुसार पंजाब पुलिस की जांच में सामने आया कि मूसेवाला की हत्या से पहले उसकी बुलेटप्रूफ गाड़ी की भी रेकी की गई थी।
असल में बुलेटप्रूफ गाड़ी जालंधर में तैयार की जाती है और मूसेवाला की गाड़ी भी वहीं तैयार की थी।
जांच में यह बात भी सामने आयी थी की जनवरी में शूटर्स सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने गए थे लेकिन मूसेवाला के साथ 8 सुरक्षा गार्ड थे।
बिश्नोई और गोल्डी बरार ने AN-94 जैसे अत्याधुनिक हथियार मंगवाए थे ताकि सिद्धू मूसे वाला बुलेटप्रूफ गाड़ी में हो तो भी उनका बचाना ना मुनकिन हो।
AN-94 असॉल्ट राइफल दो शॉट बर्स्ट यानी एक के पीछे एक करके दो गोलियां तेजी से निकलती हैं जिनके निकलने के समय का अंतर कम होता है।
सूत्रों की माने तो इस राइफल से अगर बुलेटप्रूफ गाड़ी के शीशे पर एक के बाद एक फायर किए जाते तो वह टूट जाता।