Web 3.0 क्या है? – Web 3.0 in Hindi

Web 3.0 क्या है? – Web 3.0 in Hindi

आपने Web 3.0 के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन क्या आपको मालूम है Web 3.0 क्या है? अगर आपका जवाब है नहीं, तो आज आप वेब 3.0 के बारे में पूरी जानकारी जानने वाले है। इसकी शुरुवात कैसे हुई और आगे यह कहा तक बढ़ने वाला है यह सब आज आप जान सकते है।

वेब क्या है ?

Web 3.0 क्या है?

वेब का full form तो आपको पता होगा की इसे world wide Web कहा जाता है। इसको इसी के साथ www से भी जाना जाता है। आपने अक्सर ये शब्द किसी भी वेबसाइट के पहिले देखे होंगे। इसकी खोज tim berneres lee और robert cailliau ने 1989 मे की थी। वह एक information का स्त्रोत है, जहा पे सारी डॉक्युमेंट्स और अन्य सब चीज़े Internal link और outer hiperlink के द्वारा जोड़ी जाती है। 

हम जो भी चीज़े इंटरनेट पे Published करते है जैसे की, फ़ोटोज़ और अन्य जानकारियां वह सब वेब सर्वर पर सेव होती है और आप जैसे यूजर जिनको जो जानकारी चाहिए वह वो सर्च करके laptop , मोबाईल और बाकी Devices से access करते है। 

world wide web एक Information देने वाला नेटवर्क है। जब आप मोबाईल मे गेम या फिर ईमेल use कर रहे होते है तब आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे होते है। वेब पर एक्सेस किए गए डॉक्युमेंट्स को गूगल, इंटरनेट एक्सप्लोरर जैसे वेब सॉफ्टवेयर पर देखे जा सकते है। 

Web 1.0  क्या है?

वेब 1.0 यह वेब का अगला वर्ज़न है जोकि 1991 पे आया था। ऐसा कहा जाता है web 1.0 जब शुरू हो गया था तब सिर्फ हम Information पढ़ सकते थे उसके इलवा हम कुछ नहीं कर सकते थे। आज के युग मे आपको कोई जानकारी चाहिए होगी तो आपको उस वेबसाईट पे अकाउंट ओपन करना पड़ता है पर ऐसा उस वक्त पर नहीं किया जाता था और हम किसी पोस्ट पे कुछ Comment भी नहीं कर सकते थे। 

इसका मतलब उस जमाने मे normal static website होता था। उस जमाने मे हम किसी से भी कनेक्ट नहीं हो पाते थे सोशल मीडिया और साइट्स तो हुआ ही नहीं करती थी। 

Web 2.0 क्या है?

वेब 2.0 यह वेब 1.0 का अगला वर्ज़न है। 2000 साल मे इसका आविष्कार darcy dinuuci ने किया था। बल्कि आज आप इंटरनेट पे जो कुछ भी इस्तेमाल कर रहे है वो सब वेब 2.0 ही है। इस आविष्कार के वजह से बहुत सारी चीजे करना बहुत ही आसान हो गया है। 

वेब 1.0 मे आप सिर्फ browsing कर सकते थे पर वेब 2.0 मे आप browsing के साथ साथ बहुत सारी चीजे करना सरल हो गया है। आप आर्टिकल पढ़ने के साथ साथ आप आपका मत आर्टिकल के नीचे कमेन्ट करके बता सकते है। वेब 2.0 से User interaction की शुरुवात होना चालू हो गई।

इसका मतलब है की वेबसाईट का author आर्टिकल लिख कर सबको दिखा तो सकता है पर उसके साथ साथ आप उन्हे उनकी गलतिया, आपका मत यह सब कुछ बता सकते है।

वेब 2.0 के वजह से हमे एक दूसरे से बात करने की सुविधा मिली। Facebook, whatapp, Linkdin के जैसे Apps और communicate करने वाली Sites को ज्यादा demand मिलने लगी। आज अगर यह नहीं होता तो इस वक्त हम एक दूसरे से बात , हमारे काम नहीं कर पाते। 

इस आविष्कार के वजह से हम blogging site, online video games  बना सकते है बल्कि वह Game दुनिया के किसी भी जगह से एक साथ खेल सकते है। इस कारण हमे बहुत सारे नए Friends भी मिले उनकी lifestyle के बारे मे ज्यादा जानकारी मिली और साथ ही में बहुत सारे सबक भी मिले। 

न्यूज जैसे वेबसाईट के कारण हर एक चीज हमें घर बैठे बैठे मिल जाती है। कहा पे क्या चालू है, क्या बंद है, कोनसा दुकान कब खुलने वाला है यह सब बाते हमें google पर पता चल जाती है । 

हम अक्सर सोचते थे की पैसे को कहा रखा जाए उन्हे कैसे ले जा सकते है इसका भी हल होना चाहिए था और net banking, atm  जैसे Technology के वजह से वह भी आसान हो गया। phone pay, google pay और ऐसे बहोत सारे अप्प्स के वजह से हम कहा पर भी पैसे भेज सकते है आपको हर जगह उन्हे ले जाने की जरूरत नहीं पड रही है। 

वेब 2.0 के वजह से आपको ज्यादा जानकारी तो मिलेगी ही पर आप साथ में online पढाई भी कर सकते है। आपके सारे doubts भी Online comment करके या Videos के द्वारा solve कर सकते है।

इस टेक्नोलॉजी के वजह से ऑनलाइन शॉपिंग करना आसान हो गया। सारी e -commerce वेबसाईट चलनी आसान हो गई। वेब 2.0 की वजह से आप कही से भी कुछ भी ऑर्डर कर सकते है। 

हम जब इन Sites पर Account बनाते है तो इसमे हम अपनी सारी Details add करते है, इससे आपकी सारी जानकारी बड़ी companies जैसे की google, meta, linkdin, microsoft  इस्तेमाल करके आपके intrest की चीज़े आपके सामने रखते है।

Web 3.0 क्या है?

वेब 3.0 मतलब decentralization web यानी की अब किसी भी Apps, Website के Feature के ऊपर कुछ भी डिजाइन नहीं किया जाएगा बल्कि प्रमुख तत्व के रूप मे इसका इस्तेमाल किया जायगा। 

जैसे वेब 2.0 और 1.0 मे होता था वैसे फीचर 3.0 मे नहीं हुआ करेंगी क्योंकि 3.0 बनाया ही इसीलिए है की जो गलतियां हमने पिछले वाले और अभी वाले वेब मे की है उसे दोहराया ना जाए। इस वेब का इस्तेमाल करके चीजे ओर सरल बनाने के लिए यह वर्ज़न का आना बहुत जरूरी है। 

इस वेब के नए वर्ज़न को blokchain technolgy बढ़ावा देगा। यह टेक्नोलॉगी cryptocurrency मे use की जाती है। यानी की इस वेब के वजह से आपका जो data है वह बहुत सिक्युर हो जायगा।

अभी के वेब में आप Normally कुछ भी सर्च करते है तो उस keyword  के रिलेटेड जो भी रिजल्ट होंगे वह आपको search engine दिखा देता है और बहुत बार ऐसा हुआ होगा की आप जो सर्च करना चाहते थे उसकी जानकारी आपको मिलेगी नहीं पर उसके 50% लगभग रिजल्ट हमे सर्च इंजन दिखा देता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा वेब 3.0 Artificial intilligent से काम करेगा तो जो रियल टाइम सर्च है यानी की जो इस संसार मे है वही रिजल्ट आपको वह दिखाएगा। 

इस वेब का सबसे बडा काम होगा की यह इंटरनेट पे जो भी डाटा है वह एक जगह नहीं रखना। अभी जैसे हमारा सारा डाटा google, microsoft ऐसे companies मे है वह हमारे बारे मे सबसे ज्यादा जानते है। तो यह सब डाटा हैक होने के chances लगे रहते है, तो इसी को कम करने के लिए वेब 3.0 पूरा डाटा दुनिया भर के सारे कंप्युटर मे स्टोर किया जायेगा।

जिससे बहुत सारे Server Create हो जाएंगे तो हैकर को वह हैक करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल या नामुनकिन हो जाएगा क्योंकि इतने सारे सर्वर को एक साथ हैक करना बहुत ही मुश्किल काम है। इस वेब के आने के वजह से हमे बहुत सारे फायदे होने वाले है। 

इसका ओर एक example भी है की आप जब अपनी खुद की वेबसाईट Open करते है तब आपको Domain Name Register करना पड़ता है और उसे साल साल मे renew भी करना पड़ता है। इसके बाद आपको hosting की जरूरत पड़ती है तो कुछ ज्यादा पैसे देकर आपको होस्टिंग सर्वर भी मिल जाता है।

पर यह सब वेब 2.0 मे होता है। 3.0 मे ऐसा कुछ नहीं होगा एक बार डोमेन Register किया की उसे renew करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी और आप होस्टिंग भी फ्री Use कर पाओगे। 

Web 3.0 के फायदे 

1. Decentralization :-

वेब 3.0 मे इस feature के वजह से hosting Sites आपकी वेबसाइट कंट्रोल नहीं करेगी बल्कि आपको खुद उसे control करने का मौका मिलेगा।

2. Security :-

इसके सिक्यूरिटी के चर्चा करे तो यह काफी secure होगा जिसके कारण Cyber Crime और Data चोरी जैसे चीज़ो को काफी हद तक रोक लगायी जा सकती है।

3. Blockchain Technology  :-

इस Feature के वजह से ही हमारा डाटा हैक होने के chances बहुत कम हो जायेगे क्योंकि यह डाटा दुनिया भर के ब्लॉक मे यानि की computers मे रहेगा तो हैकर्स ने हैक भी किया तो सिर्फ उस ब्लॉक के server पर वह access कर पाएंगे।  

4. Life Time Domain Registration :-

इसके मदत से आप एक ही बार में Lifetime तक Domain Name खरीद सकते है जिसके कारण हर साल Renew करने का खर्चा बहुत ही कम हो जायेगा।

5. Free Hosting :-

जैसे की सारा डाटा दुनिया भर के सारे computers मे रहेगा तो उसे होस्टिंग वेबसाईट भी होस्ट नहीं कर पाएंगे। साइट्स को अपने आप को handle करना पड़ेगा और इस कारण होस्टिंग खरीदने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। 

दोस्तों यह वेब कब आएगा ऐसा सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा पर यह वेब पहले से या चुका है। जैसे की आपको पता है की cryptocurrency मे इसका इस्तमाल किया जाता है वैसे ही बहुत सारे लोग private wallet  इस्तेमाल करते होंगे जैसे की trust wallet, meta mask यह सब web 3.0 की ही शुरुवात है।

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Conclusion

आज आपने सीखा की Web 3.0 क्या है और इसकी शुरुवात कैसे हो रही है। जैसे जैसे हम आगे बढ़ाते जायेगे यह ओर भी ज्यादा advance बनता जायेगा। इस टेक्नोलॉजी के फायदे है वैसे बहुत सारे नुकसान भी है जो आपको आगे जाकर पता चलते जायेगे। इस टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल करना यह हमारे हात में है।

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया ओर इसके आपको अच्छी जानकारी मिली तो आप निचे कमेंट करके बता सकते है।

Author

Ghanshyam Jadhav

मेरा नाम घनश्याम जाधव है और मै मुंबई, महाराष्ट्र में रहता हु। मैने मुंबई यूनिवर्सिटी से B.E Computer Science की पढाई पूरी की है इसके अलावा में एक Certified वेब डेवलपर भी हु। मुझे नयी technology साथ ही नयी जानकारी सीखना और दुसरो को बताना बहुत ही पसंद है इसीलिए मैंने इस ब्लॉग की शुरुवात की है।