व्याकरण की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण | English Grammar in Hindi

व्याकरण की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण | English Grammar in Hindi

आज हम Basic English Grammar in Hindi में जानेंगे। साथ ही साथ हम व्याकरण की परिभाषा, उदाहरण और उनके प्रकार के बारे में भी जानेंगे। english grammar all topics को हम अच्छे से हिंदी में समझेंगे जिसमे आपके प्रैक्टिस करने में आसानी होगी।

व्याकरण में सबसे पहले आते हैं वर्णमाला, शब्द और वाक्य। इन सभी के बारे में आप पहले से ही जानते होंगे फिर भी हम एक बार इसे ठीक से समझेंगे।

शब्द (word)

परिभाषा: एक या एक से अधिक वणॊं से बनी हुई सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं।

उदाहरण:

जैसे, जा + वा + र + द = जावारद

लेकिन इससे कोई सार्थक ध्वनि नहीं निकल रही हैं यानी कोई मतलब नहीं निकल रहा है।

अगर हम इन्हीं शब्दों में थोड़ा फेरबदल करते हैं तो फिर एक शब्द बन जाएगा।

द +र + वा + जा = दरवाजा

यह एक सार्थक ध्वनि है इसलिए हम इसे शब्द कहते हैं।

वाक्य (Sentence)

परिभाषा: एक से अधिक शब्द मिलकर एक वाक्य बनता है।

उदाहरण:

जैसे, मेरे घर में दरवाजा है।

इसमें पांच शब्दों को मिलाकर एक वाक्य को बनाया है।

शब्दों के भेद (Part of Speech)

English Grammar in Hindi

ग्रामर का महत्वपूर्ण Part होता है Part of Speech यानी शब्दों के भेद और वाक्य में प्रयोग के अनुसार 8 शब्दों के भेद होते हैं।

  1. Noun (संज्ञा)
  2. Pronoun (सर्वनाम)
  3. Adjective (विशेषण)
  4. Verb (क्रिया)
  5. Adverb (क्रियाविशेषण)
  6. Preposition (संबंधसूचक)
  7. Conjunction (समुच्चय बोधक)
  8. Interjection (विस्मयादिबोधक)

शब्दों के भेद में से जो पहले के चार भेद संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया यह विकारी होते हैं।

इसके बाद क्रियाविशेषण, संबंध सूचक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक यह चार भेद अविकारी होते हैं।

1. Noun (संज्ञा):

परिभाषा: वह शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु, भावना, स्थान के नाम के रूप में प्रयोग किया जाता है उसे संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण: राम, किताब, दिल्ली, त्याग।

यहां राम व्यक्ति है, किताब वस्तु है, दिल्ली स्थान है और त्याग भावना है।

संज्ञा के प्रकार:

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
  2. जातिवाचक संज्ञा (Common noun)
  3. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material noun)
  4. समूहवाचक संज्ञा (Collective noun)
  5. भाववाचक संज्ञा (Abstract noun)

2. Pronoun (सर्वनाम):

परिभाषा: वे शब्द जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहा जाता है।

उदाहरण:

जैसे, मैं, तुम, वह, यह, आप इत्यादि।

सर्वनाम के प्रकार:

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative pronoun)
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
  4. संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative pronoun)
  6. निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)

3. Adjective (विशेषण):

परिभाषा: जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताएं उसे विशेषण कहते हैं।

उदाहरण:

जैसे,सुंदर बच्चा, हरा पेड़, सफेद दीवार।

यहां सुंदर, हरा और सफेद विशेषण है क्योंकि वह बच्चा, पेड़ और दीवार की विशेषता बता रहे हैं।

विशेषण के प्रकार:

संख्या और परिणाम के आधार पर विशेषण के चार प्रकार बताए गए हैं.

  1. गुणवाचक विशेषण (Qualitative adjective)
  2. संख्यावाचक विशेषण (Numeral adjective)
  3. परिमाणवाचक विशेषण (Quantitative adjective)
  4. सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative adjective)

4. Verb (क्रिया):

परिभाषा: जिस विकारी शब्द से किसी कार्य का करना या होना समझा जाए उसे क्रिया कहते हैं।

उदाहरण:

जैसे आना, जाना, खाना, पढ़ना, खेलना।

तुषार पढता है।

वह खाना खाता है।

क्रिया के प्रकार:

रचना की दृष्टि से सामान्यत मुख्य क्रिया के दो भेद बताए जाते हैं।

  1. सकर्मक क्रिया (Transitive Verb)
  2. अकर्मक क्रिया (Intransitive verb)

Auxiliary verb (सहायक क्रिया):

परिभाषा: सहायक क्रिया मुख्य क्रिया के साथ उपयोग की जाती है।

Auxiliary Verb एक्शन word होते हैं जो main word के साथ helping verb के रूप में इस्तेमाल होते हैं।

Helping verb मदद करते हैं उनका meaning अच्छे से explain करने के लिए।

सहायक क्रिया के प्रकार:

  1. प्रथम सहायक क्रिया
  2. रूप विषयक

प्रथम सहायक क्रिया:

परिभाषा: जो क्रिया helping verb और main verb दोनों रूप में प्रयोग हो उसे हम प्रथम सहायक क्रिया कहते हैं।

उदाहरण:

Be, have, do

रूप विषयक:

परिभाषा: सहायक क्रियाएं जो अपना अर्थ रखते हुए प्रयोग की जाती है और सकर्मक होती है उन्हें रूप विषयक कहते हैं।

उदाहरण:

Can, could, may, might

Should, ought, must

Dare

Need

5. Adverb (क्रियाविशेषण)

परिभाषा: जिन शब्दों से क्रिया विशेषण या दूसरे क्रिया विशेषण की विशेषता जानी जाती है उसे क्रिया विशेषण कहते हैं।

उदाहरण: जैसे यहां, वहां, धीरे, बहुत, कम, जल्दी-जल्दी।

क्रिया विशेषण के प्रकार:

अर्थ के अनुसार क्रिया विशेषण के चार प्रकार है।

  1. कालवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of time)
  2. स्थान वाचक क्रिया विशेषण (Adverb of place)
  3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण (Adverb of degree or quantity)
  4. रीतिवाचक क्रिया विशेषण (Adverb of manner)

6. Preposition (संबंधसूचक)

परिभाषा: जो शब्द संज्ञा के अक्सर पीछे आकर उसका संबंध वाक्य के किसी दूसरे शब्द के साथ दिखलाता है उसे संबंध सूचक अव्यय कहते हैं।

संबंध सूचक अव्यय के उदाहरण:

संबंध सूचक अव्यय के वाक्य:

जैसे, यह भूषण की किताब है।

किसान खेत में काम कर रहा है।

यहां ‘की’ भूषण और पुस्तक के बीच संबंध स्थापित कर रहा है। ठीक उसी तरह ‘मैं’ किसान और खेत में संबंध बता रहा है।

7. Conjunction (समुच्चय बोधक)

परिभाषा: जो शब्द एक वाक्य या शब्द का संबंध दूसरे वाक्य या शब्द से मिलता है उसे समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं।

उदाहरण:

जैसे, तुषार और भूषण भाई थे।

यहा और तुषार भूषण दो शब्दों को जोड़ रहा है। ठीक उसी तरह

मैं पढ़ना चाहता हूं पर वो खेलना चाहता है।

पढ़ने के बाद किताब मुझे देना या उसे देना।

8. Interjection (विस्मयादिबोधक)

परिभाषा: जिन शब्दों का संबंध वाक्य से नहीं रहता बल्कि वह वक्ता के मन में उत्पन्न हुए भाव, हर्ष, शोक आदि को सूचित करते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।

अचानक दिल में प्रकट होने वाले भाव को विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।

उदाहरण:

जैसे वाह ! कितना सुंदर दृश्य है।

 ओह ! यह क्या हुआ।

हाय ! अब मैं क्या करूं।

विस्मयादिबोधक में व्यक्त होने वाली कुछ भावना वे नीचे दिए हैं।

खुशी  hurray! Wow!

दुख  Alas! Oh no!

झटका  oh! What! Aah!

स्वीकृति  Excellent!

Conclusion

आज आपने English Grammar in Hindi में सीखा और उसके साथ ही आपने उनके प्रकार भी जाने। अब आपको हर रोज इसकी प्रैक्टिस करनी है जिसके आप इंग्लिश में और अच्छे होते चले जाए। अगर आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट करके पूछ सकते है।

Author

Ghanshyam Jadhav

मेरा नाम घनश्याम जाधव है और मै मुंबई, महाराष्ट्र में रहता हु। मैने मुंबई यूनिवर्सिटी से B.E Computer Science की पढाई पूरी की है इसके अलावा में एक Certified वेब डेवलपर भी हु। मुझे नयी technology साथ ही नयी जानकारी सीखना और दुसरो को बताना बहुत ही पसंद है इसीलिए मैंने इस ब्लॉग की शुरुवात की है।