रस कितने प्रकार के होते हैं – Ras ke prakar in Hindi

रस कितने प्रकार के होते हैं – Ras ke prakar in Hindi

आज हम जानेंगे कि रस कितने प्रकार के होते हैं परिभाषा सहित, रस किसे कहते हैं और हर एक रस कितना जरूरी होता है। उसके साथ हर एक रस का वर्णन देखेंगे। उनको आप अपने जीवन में किस तरह से इस्तेमाल करते हैं साथ ही साथ एक्टिंग और डांस में भी वह कितने जरूरी होते हैं।

रस किसे कहते हैं?

रस हमारे अंदर के भाव (Emotions) को कहते है। रस यानी हमारे अंदर छुपे हुए ऐसे भाव होते है जिन्हे हम हर दिन अलग अलग तरीके से व्यक्त करते रहते है।

इन्ही रस के वजेसे हर इंसान अपने अंदर के भाव को प्रगट करके दुसरो के सामने रखता है जिससे सामनेवालों को पता चलता है असल में वह क्या कहना चाहता है या उसका उद्देश्य क्या है। रस को किसी भाषा की जरुरत नहीं होती अपने चेहरे के भाव से यह प्रगट होते होते रहते है।

रस के कितने अंग होते हैं?

रस के चार अंग है और हर एक का अलग ही महत्त्व है।

  • विभाव
  • अनुभाव
  • स्थायी भाव
  • संचारी भाव

रस कितने प्रकार के होते हैं?

Ras ke prakar in Hindi

रस ९ प्रकार के होते हैं इसलिए उन्हें नवरस भी कहा जाता है। इन्हें अपनी जिंदगी के साथ साथ एक्टिंग और डांस में भी बहुत महत्व है। नवरस मतलब जो ९ इमोशंस है वह कौन से है, नौ रसों के नाम इसके बारे में हम अभी विस्तार से पढ़ेंगे। इन्ही नवरस के जरिये लोग अंदाज़ा लगते है की आपका Character कैसा है।

1. शृंगार रस

शृंगार रस में प्यार जो है उसे समझना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि हर एक इंसान का अपना प्यार जताने का तरीका अलग होता है। उसके साथ साथ अलग अलग इंसान के प्रति हम अलग तरीके से प्यार देते है। शृंगार रस को समझने के लिए सबसे पहले प्यार क्या है उसको समझना बहुत जरूरी है।

ऐसा जरूरी नहीं है कि प्यार मतलब “मैं तुमसे बहुत मोहब्बत करता हूं”. हर बार प्यार मतलब यही नहीं होता है। प्यार के अलग-अलग तरीके हैं। जब आप प्यार के अलग-अलग तरीके को समझेंगे तभी आपको समझ में आएगा कि श्रृंगार रस क्या है। जैसे कि आप अपने माता-पिता से प्यार करते हैं।

उनको जब आप कहेंगे कि मैं आपको बहुत प्यार करता हूं तो उनसे बात करने का तरीका बिल्कुल ही अलग होगा। अगर आप अपने दोस्त से, गर्लफ्रेंड से या फिर अपनी बीवी से कैसे कहेंगे उसका तरीका बहुत अलग होगा।

जैसे अगर कोई छोटे बच्चे से बात करते हैं तो आपका बोलने का तरीका वह भी अलग हो जाता है। वह भी एक तरह का प्यार हि है। आपको इसे ही समझना होगा कि आप किन को अपना प्यार जता रहे है तो यही है शृंगार रस।

2. हास्य रस

लोगों को हंसाना बहुत ही मुश्किल काम है। एक्टिंग की दुनिया में खुद सामने वाले ऑडियंस को हंसाना वह भी आसान काम नहीं होता है। एक एक्टर को ऑडियंस को हंसाने के लिए बहुत ही ज्यादा Presence of Mind और Sense of Humor होना जरूरी है।

हास्य रस इसमें ऐसी सिचुएशन होते हैं जिसमें हंसी ही बहुत ज्यादा होती है। अगर कोई आपका दोस्त आपसे पूछता है कि “कैसा है यार” आप भी हंसी मजाक में ही उसका जवाब देंगे “एकदम मस्त हूं यार” यह अलग तरीके की हंसी होती है।

हर इंसान अलग अलग तरीके से हंसता है, जैसे कि कोई मुंह पर हाथ रखकर धीरे से हंसता है, तो कोई बहुत जोर से खुलकर हंसता है। इसमें आपको अलग अलग तरीके की हंसी को ढूंढना और उसको समझना है। तो यही है हास्य रस।

3. रौद्र रस

जैसे हम अगर गुस्से की बात करें तो गुस्सा अलग-अलग तरीके का होता है। कोई इंसान जो होते हैं वह शांत होते हैं वह अपना जो गुस्सा है, वह अंदर ही रखते हैं वह आपको बाहर दिखाते नहीं है।

कोई बहुत ज्यादा चिल्लाकर अपना गुस्सा जाहिर करता है और कोई इंसान बहुत ज्यादा रिएक्टिव वाला गुस्सा जाहिर करता है। आप अगर अपने घर पर किसी पर गुस्सा होते हैं, तो वह बहुत ही शांत स्वभाव का गुस्सा होता है या फिर आप किसी चीज पर गुस्सा हो गए तो आप उसको जोर से फेंकते हैं, तोड़ते हैं यह एक अलग तरीके का गुस्सा है।

आप अगर बाहर किसी इंसान पर गुस्सा होते हैं तो वह अलग तरकी का गुस्सा होता है। हर बार गुस्सा एक ही तरह का नहीं होता है। आपको यही समझना है की आपको किस तरीके का गुस्सा दिखाना है।

कभी-कभी आप अपने आप पर भी गुस्सा होते जैसे कि क्यों यार मैंने ऐसा क्यों किया तो यह भी एक अलग तरीके गुस्सा है। तो गुस्से की variation बहुत है। आपको यही समझना है कि आपको किस तरह का गुस्सा दिखाना है तो यही होता है रौद्र रस।

4. करुण रस

अगर आपको लगता है की इस रस का मतलब सिर्फ आंसू आना होता है तो इसका जवाब है नहीं। करुण रस ऐसा नहीं है कि हमेशा आपको रोना ही है।

अगर आपको कोई लाइन या डायलॉग करुण रस में बोलना है तो आप उसे दुखी होकर भी बोल सकते हैं लेकिन इसका मतलब ऐसा नहीं है कि आपकी आंखों में आंसू ही आएंगेया आप रोने की एक्टिंग ही करेंगे।

हमेशा हम अलग अलग तरीके से दुखी होते। जैसे अगर हमारे यहां पर कोई ऐसी घटना घटी जिससे हम दुखी हुए हैं लेकिन ऐसा नहीं कि आप वही दुख 1 महीने या 2 महीने के बाद आपके मन में होगा।

दुख होगा लेकिन जो आप उस दिन आपने जो महसूस किया है शायद वह ना हो। आपको पहले उस सिचुएशन को या कोई स्थिति को समझना होगा कि आप कितने दुखी है।

क्या आपको रोना आ रहा है? क्या आप दुखी है? जिससे आपको बुरा लग रहा है? जैसे कि कई बार होता है कि हम कुछ गलतियां करते हैं और बाद में हमको महसूस होता है कि हमने कुछ गलत किया है तो हम दुखी हो जाते हैं। तो यही होता है करुण रस।

5. भयानक रस

भयानक नाम सुनते ही आपको लगेगा कि बहुत ही डरावना या Scary Situation है लेकिन वह डर किस बात का है। क्या आपको अंधेरे से डर लगता है? या किसी जानवर से लगता है। किसी को कोई डरावनी मूवीस अकेले देखने में डर लगता है।

यह भी एक तरह का डर है कि आप सोशल मीडिया पर कुछ कमेंट करना चाहते हैं लेकिन आप डर रहे हैं कि सामने वाला उस पर क्या बोलेगा या लोग उस पर क्या कहेंगे।

तो यह भी एक अलग तरीके का डर है। भयानक मतलब बहुत ही ज्यादा डरावना. आप कभी शांत बैठ कर सोचिए कि आप किस चीज से ज्यादा भयभीत होते हैं। तो यही होता है भयानक रस।

6. वीभत्स रस

वीभत्स रस ऐसा होता है कि वह आप सह नहीं सकते या वह देख नहीं सकते। तो अगर आपको कोई सब्जी पसंद नहीं है, जैसे कि मान लिया करेला।

आपके घर में करेला बना है तो आपका मूड थोड़ासा बदल जाता है। आपके एक्सप्रेशन थोड़े चेंज होते हैं। करेला कड़वा है वह आपके लिए टेस्ट में वीभत्स रस हो गया। बहुत लोगों को मछली का smell पसंद नहीं है तो यह भी वीभत्स रस रस है।

जैसे और इसके बारे में बताया जाए तो आप कभी ऐसी तस्वीरें देखते हैं जैसे कि किसी को कोई चोट लगी हो या फिर कुछ ऐसी घटनाएं जिससे आपको देखना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है आपको डिसगस्त लगता है। तो यही है वीभत्स रस।

7. वीर रस

वीर रस सुनते ही हमको पता चलता है कि वीर कौन है। जिनके अंदर कोई डर नहीं है वह कभी किसी भी सिचुएशन का सामना करने से डरते नहीं है।

जैसे कि हम सब ने बाहुबली मूवी देखी है उसमें जो दिखाया गया है वह वीर रस है। जिसे बाहुबली किसी चीज से नहीं डरता है या कभी सच बोलने से भी नहीं डरता है तो यही है वीर रस।

लेकिन हम अगर असलियत मैं देखे तो जैसे कि हमारे जवान है जो बॉर्डर पर हमारी सुरक्षा करते हैं या फिर डॉक्टर है जो हमको ठीक करते हैं। तो यही है वीर रस। जो शौर्य से काम लेते हैं उनके अंदर साहस होता है। वीर रस में कभी किसी चीज का डर नहीं होता है।

8. अद्भुत रस

अद्भुत रस कोई ऐसी घटना जिसे देखकर हम चमत्कारिक हो गए कि क्या हो गया है। तो अद्भुत रस यह भी हो सकता है कि हमने कभी सोचा ही नहीं और वह चीज हो गई।

जो आपके कल्पना के परे है। जो आप पहली बार देख रहे है या पहली बार देखा और अचंभित हो गए।

जैसे अगर आप कोई मूवी देख रहे हैं और अचानक से कुछ ऐसा हुआ जिसकी आप कल्पना ही नहीं कर सकते थे तो आप जो इमोशन फील करोगे वही है अद्भुत रस।

9. शांत रस

शांत रस जैसे कि एकदम शांत, मन में कोई उथल-पुथल नहीं। शांत रस होने के लिए मेडिटेशन बहुत ज्यादा जरूरी है। आप बिना कुछ सोचे आपके दिमाग में कुछ भी आना नहीं चाहिए। तब आप शांत रस में पहुंच सकते हैं।

इसे हासिल करना बहुत ही कठिन है क्योंकि हमारे दिमाग में बहुत सारी चीजें चलती रहती है। तो इससे आप मेडिटेशन कर कर शांत होकर शांत रस का अनुभव कर सकते हैं।

Ras Kitne Prakar Ke Hote Hain

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Conclusion

उम्मीद है की आपको समझ में आया होगा कि रस क्या है, साहित्य के नौ रसों के नाम और रस कितने प्रकार के होते हैं। एक रस में किस तरह से अपने भाव को या एक्सप्रेशन को निभाना होता है, यह नवरस बहुत ही ज्यादा जरूरी है इन्हें सही तरीके से निभाना बहुत ज्यादा जरूरी है।

अगर आप इन्हें अच्छे से समझ गए हैं तो आप अलग-अलग सिचुएशन में जब होंगे तब आप इनको निभाना। अगर आपके मन के कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट में पूछ सकते है।

Author

Ghanshyam Jadhav

मेरा नाम घनश्याम जाधव है और मै मुंबई, महाराष्ट्र में रहता हु। मैने मुंबई यूनिवर्सिटी से B.E Computer Science की पढाई पूरी की है इसके अलावा में एक Certified वेब डेवलपर भी हु। मुझे नयी technology साथ ही नयी जानकारी सीखना और दुसरो को बताना बहुत ही पसंद है इसीलिए मैंने इस ब्लॉग की शुरुवात की है।